त्र्यंबकेश्वर कालसर्प दोष पूजा बुकिंग

यह त्र्यंबकेश्वर नाशिक मे पूजा करने का सबसे भरोसेमंद पोर्टल है। हमारे साथ बहुत सारे अनुभवी ज्योतिषी व पुजारी जुड़े हुये है जिनहे कम से कम 15 वर्षो का पूजा व जाप अनुष्ठान करने अनुभव है। हम आपकी पूजा की बुकिंग सामाग्री व एकल पूजा का पूरा ध्यान रखते है।

Kaal Sarp Dosh

हमे ही क्यो चुने?

आपकी पूजा के लिए अनुभवी पंडित
विशेषज्ञ पंडितों की हमारी टीम यह सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक पूजा अत्यंत सावधानी और भक्ति के साथ की जाए। दशकों के अनुभव के साथ, वे सभी व्यवस्थाओं को संभालते हैं, जिससे आप अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

कोई कमीशन नहीं, बस शुद्ध सेवा
हम आपको प्रमाणिक सेवाएं प्रदान करने के लिए सीधे पंडित जी के साथ काम करते हैं। अन्य प्लेटफार्मों के विपरीत, हम ज्योतिषियों से कमीशन नहीं लेते हैं। इसके बजाय, हम बस आपको कनेक्ट करने और आपकी बुकिंग को सुविधाजनक बनाने में मदद करते हैं।

संतुष्टि की गारंटी
आपके मन की शांति हमारे लिए महत्वपूर्ण है। यदि आप हमारे माध्यम से पूजा बुक करते हैं और पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं, तो हमारे द्वारा आपको पूरा रिफ़ंड कर दिया जाएगा।

कोई बुकिंग शुल्क नहीं

किसी भी पूजा की बुकिंग के लिए हमारे पंडित जी कोई अतिरिक्त पैसा नहीं लेंगे।

कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं

पूजा के बाद पंडित जी द्वाराकिसी भी प्रकार के अतिरिक्त पैसे नहीं मांगे जाएंगे।

संतुष्टि की गारंटी

हमारा लक्ष्य हमेशा आपकी संतुष्टि है इसलिए किसी भी बात की चिंता न करे।

Kaal Sarp Dosh Shanti Puja Mandal

कालसर्प दोष एक ऐसी स्थिति है जो किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में देखी जाती है, जो अक्सर पिछले जन्मों की गंभीर गलतियों या शाप के कारण होती है। प्रभावित लोगों को आमतौर पर वित्तीय और शारीरिक दोनों कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। मुख्य मुद्दों में से एक बच्चे पैदा करने से संबंधित है – कुछ को बच्चे पैदा करने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है, जबकि अन्य के बच्चे बहुत कमजोर या बीमार हो सकते हैं। भले ही वे धनी परिवारों में पैदा हुए हों, उन्हें अक्सर अप्रत्याशित वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं उन्हें जीवन भर परेशान कर सकती हैं।

त्र्यंबकेश्वर में, एक विशेष पूजा करने से इन कठिनाइयों को कम करने में मदद मिल सकती है और काल सर्प दोष से प्रभावित लोगों को शांति और समृद्धि मिल सकती है।

अभी पूजा बुक करे और अपना जीवन शांतिपूर्ण और सकारात्मक ऊर्जा से भरें।

आज ही अपनी कालसर्प पूजा बुक कराये

हमारे अनुभवी पंडित जी के साथ त्र्यंबकेश्वर में अपनी पूजा आसानी से बुक करें। हम एक सुचारू और पवित्र समारोह के लिए आवश्यक सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ संभालते हैं। बस अपना संपर्क विवरण साझा करें, और हम परेशानी मुक्त अनुभव के लिए सर्वश्रेष्ठ पंडित जी के साथ आपकी पूजा का कार्यक्रम निर्धारित करेंगे।

चाहे आप त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा या कोई अन्य अनुष्ठान करना चाह रहे हों, हम हर कदम पर आपका मार्गदर्शन करने के लिए यहां हैं। अभी अपनी पूजा बुक करें, और मन की पूर्ण शांति के साथ त्र्यंबकेश्वर के दिव्य आशीर्वाद का अनुभव करें।

कालसर्प दोष क्या है?

कुंडली मे कालसर्प दोष योग तब बनता है, जब सभी ग्रह छाया ग्रह राहु और केतु के मध्य स्थित हो। छाया ग्रहो के बीच मे आने के कारण इन सभी ग्रह का शुभ प्रभाव नहीं मिलता है। ज्योतिष शास्त्र मे कालसर्प दोष को हानिकारक माना गया है। दोष के दुष्प्रभाव के कारण व्यक्ति का जीवन अस्त – व्यस्त हो जाता है। 

कालसर्प दोष के प्रकार

अनंत कालसर्प दोष

अनंत कालसर्प दोष – अनंत कालसर्प दोष एक विशेष प्रकार का ज्योतिषीय दोष है, जो तब उत्पन्न होता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं। अनंत कालसर्प दोष में राहु कुंडली के पहले भाव (लग्न) में स्थित होता है और केतु सातवें भाव में होता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की चुनौतियाँ, संघर्ष, और असंतोष लेकर आता है।

कुलिक कालसर्प दोष – कुलीक कालसर्प दोष एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय दोष है, जो व्यक्ति के जीवन में बाधाओं, स्वास्थ्य समस्याओं, आर्थिक कठिनाइयों, और पारिवारिक परेशानियों का कारण बन सकता है। यह दोष तब उत्पन्न होता है जब किसी जातक की कुंडली में सभी ग्रह राहू और केतु के बीच स्थित हो जाते हैं। कुलिक कालसर्प दोष को विशेष रूप से परिवार और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के लिए जाना जाता है।

वासुकि कालसर्प दोष – वासुकि कालसर्प दोष एक विशेष प्रकार का ज्योतिषीय दोष है, जो तब बनता है जब व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं। वासुकि कालसर्प दोष में राहु छठे भाव में और केतु बारहवें भाव में स्थित होते हैं। इसे ज्योतिष में अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की बाधाएँ और समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है।

शंखपाल कालसर्प दोष – शंखपाल कालसर्प दोष एक विशेष प्रकार का कालसर्प दोष है, जो तब उत्पन्न होता है जब किसी जातक की कुंडली में राहु चौथे भाव में और केतु दसवें भाव में स्थित होते हैं। इसके साथ ही, कुंडली के सभी अन्य ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। इस दोष का प्रभाव व्यक्ति के पारिवारिक जीवन, संपत्ति, मानसिक शांति और सामाजिक प्रतिष्ठा पर होता है।

पद्म कालसर्प दोष – पद्म कालसर्प दोष एक ज्योतिषीय योग है, जो तब बनता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहू और केतु के बीच सभी ग्रह आ जाते हैं। इस दोष में राहू चौथे भाव में और केतु दशम भाव में स्थित होते हैं। यह स्थिति व्यक्ति के जीवन में मानसिक, पारिवारिक और करियर संबंधी चुनौतियों को जन्म दे सकती है। पद्म कालसर्प दोष का प्रभाव विशेष रूप से परिवारिक जीवन और स्थायित्व पर पड़ता है।

महापद्म कालसर्प दोष – महापद्म कालसर्प दोष एक विशेष प्रकार का ज्योतिषीय दोष है, जो तब उत्पन्न होता है जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं। महापद्म कालसर्प दोष तब बनता है जब राहु छठे भाव में और केतु बारहवें भाव में हो। यह दोष व्यक्ति के जीवन में संघर्ष, वित्तीय समस्याएं, और मानसिक अशांति ला सकता है। इसे निवारण के लिए विशेष पूजाओं और उपायों की आवश्यकता होती है।

तक्षक कालसर्प दोष – तक्षक कालसर्प दोष एक विशेष प्रकार का कालसर्प दोष होता है, जिसमें कुंडली में राहु और केतु के बीच अन्य ग्रहों का घेराव होता है, और यह स्थिति विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण मानी जाती है। इस दोष में राहु और केतु के बीच सभी ग्रह आ जाते हैं, जिससे जीवन में मानसिक और शारीरिक परेशानियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। यह दोष एक “कुण्डली का बुरा मोड़” माना जाता है, और इसके कारण व्यक्ति की जीवन यात्रा में रुकावटें, असफलताएँ और विफलता का सामना करना पड़ सकता है।

 

कर्कोटक कालसर्प दोष – कर्कोटक कालसर्प दोष एक विशिष्ट प्रकार का कालसर्प दोष है, जिसमें राहु और केतु ग्रहों के बीच की स्थिति विशेष रूप से नकारात्मक प्रभाव डालती है। इस दोष का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर गंभीर होता है और यह व्यक्ति के भाग्य, स्वास्थ्य, पारिवारिक जीवन और करियर में बाधाएँ उत्पन्न कर सकता है। कर्कोटक कालसर्प दोष तब उत्पन्न होता है, जब राहु और केतु की स्थिति इस तरह से होती है कि वे सभी ग्रहों को अपने पीछे से घेर लेते हैं, जिससे सभी ग्रह “कालसर्प” स्थिति में आ जाते हैं। यह दोष जीवन में उथल-पुथल और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है।

शंखचूड़ कालसर्प दोष – शंखचूड़ कालसर्प दोष में, राहु कुंडली के एक तरफ और केतु दूसरी तरफ होते हैं, जिसके बीच में सभी ग्रह होते हैं। इसका नाम ‘शंखचूड़’ इस कारण पड़ा क्योंकि यह दोष शंख (सीप) के आकार जैसा होता है, जिसमें राहु और केतु ग्रह एक-दूसरे के विपरीत स्थान पर होते हैं। इस दोष के कारण जीवन में कई प्रकार की कठिनाइयां और मानसिक तनाव उत्पन्न हो सकते हैं।

घातक कालसर्प दोष – घातक कालसर्प दोष एक गंभीर और अशुभ योग होता है, जो व्यक्ति के जीवन में गहरे संकट, मानसिक अशांति और विभिन्न प्रकार की परेशानियाँ उत्पन्न कर सकता है। जब राहु और केतु दोनों ग्रह विशेष भावों में स्थित होते हैं, तो वे व्यक्ति के जीवन को कई तरह से प्रभावित करते हैं। घातक कालसर्प दोष का प्रभाव तब और भी अधिक गंभीर हो सकता है जब राहु कुंडली के दसवे भाव में स्थित हो और केतु चतुर्थ भाव में स्थित हो।

विषधर कालसर्प दोषविषधर कालसर्प दोष एक प्रकार का कालसर्प दोष है जो कुंडली में विशेष रूप से राहु और केतु के गलत स्थान पर होने के कारण उत्पन्न होता है। जब राहु और केतु कुंडली के विभिन्न घरों (भावों) में होते हैं और इनके बीच अशुभ संयोग बनता है, तो इस दोष का प्रभाव बढ़ जाता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, जैसे कि मानसिक तनाव, शारीरिक समस्याएं, या आर्थिक संकट।

शेषनाग कालसर्प दोष – शेषनाग कालसर्प दोष एक विशेष प्रकार का कालसर्प दोष है, जो तब उत्पन्न होता है जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं, और किसी एक ग्रह के अलावा सभी ग्रह राहु और केतु की धुरी में फंसे होते हैं। इसे शेषनाग कालसर्प दोष कहा जाता है क्योंकि इसके प्रभाव में जीवन में चुनौतियाँ और असमंजस उत्पन्न हो सकते हैं। यह दोष व्यक्ति की मानसिक शांति, वैवाहिक जीवन, कार्यक्षेत्र, और पारिवारिक संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

कालसर्प दोष के नुकसान

कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को जीवन मे कई प्रकार की समस्याओ का सामना करना पड़ता है। उनमे से कुछ प्रमुख समस्याए निम्नलिखित है-

  • आर्थिक स्थिति सही नहीं रहती है। 
  • बार कर्ज जैसी समस्याओ का सामना करना पड़ता है। 
  • नौकरी मे स्थिरता की कमी रहती है। 
  • आत्मविश्वास की कमी होना। 
  • दांपत्य जीवन मे तनाव बना रहता है। 
  • संतान प्राप्ति मे समस्या होना या संतान हो जाए तो वह स्वास्थ्य संबंधी समस्याओ से घिरी रहती है। 
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्याओ का सामना करना पड़ता है। 
  • मन मे नकारात्मक विचारो का आना। 
  • मानसिक अशांति होना। 
  • परिश्रम के पश्चात भी सही फल नहीं मिलता है। 
  • व्यापार मे सदैव हानि का ही सामना करना पड़ता है।
  • शिक्षा प्राप्ति मे बाधा आती है।  

कालसर्प दोष के लक्षण

कालसर्प दोष के लक्षण निम्नलिखित है-

  • सपने मे अपने किसी मृत परिजन को बार बार देखना। 
  • व्यक्ति स्वयं को अकेला महसूस करने लगता है। 
  • जीवन मे बहुत अधिक संघर्ष का सामना करना पड़ रहा हो।  
  • रात मे बार बार नींद खुलना। 
  • स्वप्न मे सर्प को देखना। 

कालसर्प दोष मंत्र

ॐ क्रौं नमो अस्तु सर्पेभ्यो कालसर्प शांति कुरु कुरु स्वाहा || सर्प मंत्र || 

ॐ नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्यः सर्पेभ्यो नम: ||

प्रतिदिन स्नान के पश्चात रुद्राक्ष की 108 मनको वाली माला से इस मंत्र का जाप करना चाहिये। 

मंत्र जाप के नियम

मंत्र जाप के नियम निम्नलिखित है-

  • सूर्योदय या सूर्यास्त के बाद मंत्र जाप करना चाहिए।
  • जाप किसी पवित्र स्थल या मंदिर पर ही करना चाहिए।
  • घर के मंदिर मे भी यह जाप किया जा सकता है।
  • जाप के दौरान रुद्राक्ष की माला का उपयोग करना चाहिए।
  • भगवान शिव जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने यह जाप करना चाहिए।

कालसर्प दोष के उपाय

कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए। 

  • महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। 
  • सर्प मंत्र और गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। 
  • राहु और केतु की पूजा करनी चाहिए। 
  • भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। 
  • सावन के महीने मे भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना चाहिए। 
  • प्रत्येक सोमवार व्रत रखना चाहिए। 
  • हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। 
  • मोरपंख धारी भगवान कृष्ण की प्रतिमा घर मे स्थापित करना चाहिए।
  • पीपल के पेड़ को जल चढ़ाना चाहिए। 
  • किसी पवित्र नदी या बहते हुये जल मे चाँदी या तांबे के नाग नागिन का जोड़ा प्रवाहित करना चाहिए।  

कालसर्प दोष पूजा क्यों आवश्यक है?

कालसर्प दोष आपके जीवन में बाधाएं, असफलता और मानसिक अशांति का कारण बन सकता है। इस दोष का समाधान केवल त्र्यंबकेश्वर मंदिर में विशेष पूजा द्वारा ही संभव है। यहाँ अनुभवी पंडित वेदों और शास्त्रों के अनुसार पूजा संपन्न करते हैं। कालसर्प दोष निवारण पूजा से ही कालसर्प दोष और उसके दुष्प्रभाव से मुक्ति मिल सकती है। 

त्र्यंबकेश्वर मे कालसर्प दोष पूजा का महत्व

शिवजी की कृपा प्राप्त करने करने के लिए यह स्थान शक्तिशाली स्थानो मे से एक है। यहा भगवान शिव त्रिंबक स्वरूप मे विराजमान है। त्रिम्ब्केश्वर की आध्यात्मिक ऊर्जा के कारण यह पूजा करने का विशेष महत्व है। यह की आध्यात्मिक ऊर्जा पूजा को अधिक प्रभावी बनाती है, जिससे पूजा से शीघ्र फल की प्राप्ति होती है। यही पर गोदावरी नदी भी है, जिसे दक्षिण की गंगा के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है की इस नदी मे स्नान करने के पश्चात दोष दूर करने के लिए जो पूजा की जा रही है, उसका प्रभाव बढ़ जाता है। यहा पर की गयी पूजा से से शीघ्र ही दोषो से मुक्ति मिल जाती है, जिससे जीवन मे सुख शांति आती है।

पूजा के समय ध्यान रखने योग्य बाते

पूजा करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • पूजा से एक दिन पहले या पूजा से कुछ समय पहले ही पूजा स्थल पर पहुचना चाहिए। 
  • पूजा किसी विद्वान और अनुभवी पंडित जी द्वारा ही करवानी चाहिए। 
  • पूजा वाले दिन पुरुषो को सफ़ेद वस्त्र और स्त्रियो को हल्के रंग की साड़ी ही पहननी चाहिए। 
  • पंडित जी द्वारा दिये गए निर्देशों का पालन करना चाहिए। 
  • पूजा वाले दिन व्रत रखना चाहिए। 
  • पूजा से कुछ दिन पहले और कुछ दिन बात तक सात्विक भोजन ही करना चाहिए। 
  • पूजा पूरे भक्ति भाव के साथ करनी चाहिए। 
  • मन मे नकारात्मक विचारो को नहीं लाना चाहिए। 
  • मन को एकाग्र रखना चाहिए। 

कालसर्प दोष पूजा विधि

कालसर्प दोष पूजा मे निम्नलिखित चरण होते है-

  • पूजा से पहले व्यक्ति को स्नान कर सही वस्त्र पहनने होते है। 
  • पूजा की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से होती है। 
  • पूजा के दौरान नागदेवता और भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। 
  • पंचामृत या गंगाजल से अभिषेक किया जाता है। 
  • राहु और केतु के मंत्रो का जाप किया जाता है। 
  • नागदेवता की प्रतिमा या नाग यंत्र पर दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल चढ़ाया जाता है। 
  • कालसर्प दोष निवारण मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है। 
  • अभिषेक और जाप के बाद हवन किया जाता है। 
  • पूजा के बाद रक्षा सूत्र किया जाता है। 

कालसर्प दोष पूजा से लाभ

कालसर्प दोष पूजा से होने वाले लाभ निम्नलिखित है-

  • मानसिक शांति मिलती है। 
  • परिवार मे शांति का माहौल बना रहता है। 
  • आर्थिक स्थिति सही होती है। 
  • वैवाहिक और पारिवारिक सुख मे वृद्धि होती है। 
  • संतान प्राप्ति मे आ रही बाधाए समाप्त होती है। 
  • नकरात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। 
  • स्वास्थ्य ठीक होता है। 
  • राहु और केतु के दुष्प्रभाव को सदैव के लिए समाप्त होता है। 

कालसर्प पूजा ऑनलाइन

अगर कोई समय के अभाव मे या किसी कारणवश त्र्यंबकेश्वर मे पूजा करने नहीं आ पा रहे है, तो आप ऑनलाइन भी पूजा करवा सकते है। पंडित जी आपकी अनुपस्थिति मे आपकी ओर से पूजा विधिवत रूप से ही करते है। ऑनलाइन पूजा मे आपके नाम और गौत्र का उच्चारण करके संकल्प लिया जाता है। 

पूजा शुल्क और पैकेज (Puja Price and Charges)

हम आपको सरल और पारदर्शी मूल्य पर सेवा प्रदान करते हैं। पूजा की कीमत और चार्ज पूजा के प्रकार और समय के अनुसार भिन्न होते हैं। हमारी सेवा में शामिल हैं:

  • पूजा सामग्री की व्यवस्था।
  • अनुभवी पंडित द्वारा पूजा।
  • पूरी प्रक्रिया की ऑनलाइन गाइडेंस।

सेवा के मुख्य लाभ

  1. नि:शुल्क कुंडली जांच – पंडित से संपर्क कर निशुल्क कुंडली की जांच करवा सकते है। 
  2. विशेषज्ञ पंडितों की टीम: सभी पंडित वेदों और शास्त्रों के विशेषज्ञ हैं।
  3. पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन: घर बैठे पूजा की बुकिंग करें।
  4. पारदर्शी मूल्य: बिना छुपे चार्ज के, हर जानकारी स्पष्ट।
  5. व्यक्तिगत पूजा: विधिवत रूप से व्यक्तिगत पूजा ही की जाती है। 
Scroll to Top